महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है, क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सेहत खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस स्थिति में राज्य की सत्ता में बदलाव की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। मौजूदा हालात में 4 दिसंबर 2024 को नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जा सकती है। यह राजनीतिक घटना महाराष्ट्र और देशभर के राजनीतिक पर्यवेक्षकों के लिए विशेष रुचि का विषय बन गई है।
देवेंद्र फडणवीस: शीर्ष दावेदार
देवेंद्र फडणवीस, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं, को इस पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। फडणवीस पहले भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनकी प्रशासनिक क्षमताओं को भाजपा नेतृत्व द्वारा सराहा जाता है। उनकी लोकप्रियता और अनुभव ने उन्हें इस दौड़ में सबसे आगे ला दिया है।
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व, विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, ने महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए फडणवीस के नाम को प्राथमिकता देने के संकेत दिए हैं। फडणवीस की स्वच्छ छवि और तेज-तर्रार निर्णय क्षमता उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है।
शिवसेना (शिंदे गुट) का समीकरण
शिवसेना (शिंदे गुट) और भाजपा के गठबंधन की स्थिति इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएगी। शिवसेना के नेता, हालांकि, चाहते हैं कि मुख्यमंत्री पद उनके खेमे में ही बना रहे, लेकिन वर्तमान हालात भाजपा के पक्ष में हैं। शिवसेना और भाजपा के बीच समझौते के लिए कई दौर की बातचीत हो रही है, जिससे संकेत मिलता है कि भाजपा अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए तैयार है।
आगामी लोकसभा चुनाव पर प्रभाव
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद का यह बदलाव 2024 के लोकसभा चुनाव के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, जहां से 48 लोकसभा सीटें आती हैं। मुख्यमंत्री पद पर फडणवीस की नियुक्ति भाजपा को आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण बढ़त दिला सकती है। इसके अलावा, यह भाजपा की “डबल इंजन सरकार” की रणनीति को भी मजबूत करेगा, जहां केंद्र और राज्य में भाजपा की सत्ता हो।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन को लेकर विपक्षी दल, विशेषकर कांग्रेस और एनसीपी, भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि यह सत्ता हथियाने की चाल है। विपक्ष ने यह भी दावा किया है कि भाजपा अपने राजनीतिक फायदे के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे “राजनीतिक स्थिरता की जरूरत” करार दिया है।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के वर्ली में आयोजित किया जाएगा। यह समारोह 4 या 5 दिसंबर को हो सकता है। आयोजन स्थल पर सुरक्षा और अन्य तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री की यह दौड़ न केवल राज्य की राजनीतिक दिशा तय करेगी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े प्रभाव डाल सकती है। अगले कुछ दिनों में घटनाओं का क्रम इसे और स्पष्ट करेगा।