प्लास्टिक प्रदूषण पर बुसान सम्मेलन: पर्यावरणीय संकट से निपटने का वैश्विक प्रयास
दक्षिण कोरिया के बुसान में आयोजित इंटरगवर्नमेंटल नेगोशिएशन कमेटी (INC) के पांचवें सत्र में प्लास्टिक प्रदूषण पर वैश्विक संधि की दिशा में कदम बढ़ाए गए। विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और पर्यावरणविदों ने प्लास्टिक प्रदूषण के बढ़ते संकट पर विस्तृत चर्चा की। यह संधि 2025 तक प्रभावी रूप से लागू हो सकती है, जिसका उद्देश्य प्लास्टिक के उत्पादन, उपयोग और निपटान को नियंत्रित करना है।
मुख्य चर्चा बिंदु:
- पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव:
- प्लास्टिक कचरा समुद्री जीवन को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है।
- माइक्रोप्लास्टिक मानव स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन रहा है।
- विकासशील और विकसित देशों के विचार:
- विकासशील देशों ने प्लास्टिक समाधान में आर्थिक बाधाओं का उल्लेख किया।
- विकसित देशों ने पुनर्चक्रण और वैकल्पिक सामग्री पर जोर दिया।
- वैश्विक जिम्मेदारी:
- सम्मलेन में देशों ने एक सामूहिक प्रतिबद्धता पर सहमति जताई।
- प्लास्टिक प्रदूषण को जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता संकट से जोड़कर देखा गया।
- तकनीकी समाधान:
- प्लास्टिक के पुनर्चक्रण में नई तकनीकों का प्रस्ताव दिया गया।
- जैव-अपघटनशील प्लास्टिक और उसके विकल्पों पर शोध को प्रोत्साहित किया गया।
विशेषज्ञों की राय:
डॉ. एमिली पार्कर, पर्यावरण विशेषज्ञ, ने कहा, “प्लास्टिक प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सख्त नीतियां और वैश्विक सहयोग आवश्यक हैं।”
भविष्य की दिशा:
- 2025 तक संधि को लागू करने के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया गया।
- स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान और पुनर्चक्रण सुविधाओं का विस्तार करने पर जोर दिया गया।
यह सम्मेलन वैश्विक पर्यावरणीय संकट से निपटने का एक प्रभावी प्रयास है। प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान के लिए सामूहिक और समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
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