अंबिकापुर – छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों से धान खरीदी का कार्य आगामी 14 नवम्बर 2024 से शुरू होने जा रहा है, जो 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। इस दौरान सरगुजा जिले में 54 उपार्जन केंद्रों पर धान की खरीदी की जाएगी। इस बार धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है और किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का लाभ मिलेगा। इस संबंध में किसानों के बीच अपार उत्साह और उम्मीदें हैं, क्योंकि धान की खरीदी राज्य में अब एक महत्वपूर्ण आर्थिक प्रक्रिया बन चुकी है।

धान खरीदी की तैयारियां जोरों-शोरों से जारी
सरगुजा जिले में धान खरीदी की सभी प्रारंभिक तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। जिले में कुल 62,243 किसानों ने पंजीकरण कराया है, जिनकी खेती का रकबा 78,691 हेक्टेयर है। इनमें से 3,829 किसान नए पंजीकृत हैं, जो इस वर्ष पहली बार धान बेचने के लिए पंजीकरण करवा रहे हैं। किसानों का धान खरीदी में अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है, और वे इस वर्ष के समर्थन मूल्य पर अपनी धान बेचने के लिए तैयार हैं।
कलेक्टर श्री विलास भोसकर के मार्गदर्शन में इस साल धान खरीदी को लेकर विशेष तैयारी की गई है। उपार्जन केंद्रों पर किसान सुविधाओं के लिए अनेक इंतजाम किए गए हैं। इसके तहत कांटा-बांट, इलेक्ट्रॉनिक कांटा, मॉइश्चर मीटर, और कंप्यूटर सेट, प्रिंटर और इंटरनेट जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं, ताकि खरीदी प्रक्रिया में कोई अवरोध न हो।
कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को मिलेगा 3100 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य
इस बार छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य देने का निर्णय लिया है, जो उन्हें अपनी धान की फसल को बेचने के लिए एक अच्छा मौका देगा। यह मूल्य किसानों के लिए एक बड़ा आर्थिक सहारा साबित होगा, खासकर लघु और सीमांत किसानों के लिए। कृषक उन्नति योजना के तहत यह धान खरीदी की जाएगी। इसके अलावा, प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि हर किसान को अधिकतम समर्थन मूल्य का लाभ मिल सके।
टोकेन व्यवस्था और मोबाइल ऐप के माध्यम से सुविधा
इस बार की धान खरीदी में किसानों के लिए एक नई व्यवस्था शुरू की गई है, जिसके तहत लघु एवं सीमांत किसानों को दो टोकन और बड़े किसानों को तीन टोकन जारी किए जाएंगे। यह टोकन किसानों को आसानी से मिल सकेंगे, जिससे वे किसी भी उपार्जन केंद्र पर अपनी धान बेचने के लिए पहुंच सकेंगे। इसके लिए “तोकन तुंहर हाथ” मोबाइल ऐप और किसान समितियों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे किसान घर बैठे अपना टोकन प्राप्त कर सकते हैं और धान बेचने की प्रक्रिया को सरल बना सकते हैं।
धान खरीदी केंद्रों में विशेष व्यवस्था
धान खरीदी केंद्रों पर किसानों की सुविधा के लिए कई जरूरी इंतजाम किए गए हैं। इन केंद्रों में स्थल की साफ-सफाई, पेयजल की व्यवस्था, और छायादार स्थान सुनिश्चित किया गया है, ताकि किसानों को खरीदी प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, किसानों के बैठने के लिए आरामदायक जगह, उनके सामान के रख-रखाव के लिए बैग और बारदाने की व्यवस्था भी की गई है। सभी उपार्जन केंद्रों पर कांटा-बांट, इलेक्ट्रॉनिक कांटा और मॉइश्चर मीटर का सत्यापन पहले ही किया जा चुका है, ताकि कोई भी धान की खरीदारी में गड़बड़ी न हो।
इसके अतिरिक्त, किसानों के बैंक खातों के मिलान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जिससे किसानों को तुरंत भुगतान की सुविधा मिल सके। यह सभी तैयारियां किसान को निर्बाध और सही तरीके से अपना धान बेचने में मदद करेंगी।
नोडल अधिकारियों द्वारा निगरानी
धान खरीदी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने और सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे खरीदी केंद्रों पर हर कदम की निगरानी करें और किसी भी प्रकार की अनियमितताओं या धोखाधड़ी को रोकें। इसके अलावा, कोचियों और बिचौलियों से अवैध धान की खरीदी-बिक्री पर सख्त कार्रवाई करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
जिले में धान खरीदी की समस्त व्यवस्था की निगरानी अपर कलेक्टर श्री सुनील नायक करेंगे। उनके मार्गदर्शन में धान खरीदी का कार्य पारदर्शिता और समय पर पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर श्री विलास भोसकर ने अधिकारियों को धान खरीदी में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर द्वारा सख्त दिशा-निर्देश
कलेक्टर श्री भोसकर ने अधिकारियों को धान खरीदी प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता बरतने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि किसी भी कोचियों या बिचौलियों से अवैध धान की खरीद-फरोख्त नहीं हो, और यदि ऐसा पाया जाता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके लिए सभी उपार्जन केंद्रों पर नियमित निरीक्षण और मॉनिटरिंग की जाएगी।
निष्कर्ष
इस वर्ष की धान खरीदी के लिए सरगुजा जिले में सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, और किसानों के लिए एक बेहतर और पारदर्शी व्यवस्था तैयार की गई है। कलेक्टर श्री भोसकर के नेतृत्व में अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर धान खरीदी के कार्य को सुनिश्चित करने के लिए सभी संभावित व्यवस्थाओं को पूरा किया है। अब, किसानों को अपनी मेहनत का सही मूल्य मिलने की संभावना है। 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर और किसानों के लिए आसान प्रक्रिया से सरगुजा जिले के किसान आर्थिक रूप से सशक्त होंगे और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
इस धान खरीदी के सफल आयोजन से न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र को और भी सशक्त करेगा। किसानों के लिए इस वर्ष का धान खरीदी अभियान एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।