प्रयागराज, 18 जनवरी 2025: महाकुंभ 2025 में इस बार एक अनोखा आकर्षण देखने को मिला है। एक आईआईटी स्नातक, जो अब साधु वेश में “आईआईटियन बाबा” के नाम से जाने जाते हैं, ने श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है। उनका वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आध्यात्मिक प्रवचन महाकुंभ के इस महायज्ञ में धर्म और विज्ञान के अद्भुत संगम का उदाहरण बन गया है।
आधुनिकता और आध्यात्मिकता का मेल
‘आईआईटियन बाबा’ का असली नाम असली नाम अभय सिंह है, जिन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उनकी फर्राटेदार अंग्रेजी और तकनीकी ज्ञान ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है। बाबा का कहना है कि उन्होंने अध्यात्म के मार्ग पर चलने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि वे जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझना चाहते थे। उनकी प्रवचन शैली में वे विज्ञान और अध्यात्म के बीच के अंतर को पाटने की कोशिश करते हैं, जिससे युवाओं में भी उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है।
धर्म और विज्ञान का संगम
आईआईटियन बाबा के प्रवचनों में एक खास बात यह है कि वे धर्म के मूल सिद्धांतों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझाने की कोशिश करते हैं। उनका मानना है कि विज्ञान और अध्यात्म एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उनके मुताबिक, “आध्यात्मिकता आत्मा की खोज है, जबकि विज्ञान भौतिक दुनिया की। दोनों का लक्ष्य सत्य की खोज है।”
सोशल मीडिया पर चर्चा
बाबा का एक वीडियो, जिसमें वे धर्म और विज्ञान के बीच की कड़ी को समझाते नजर आ रहे हैं, सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कई युवा और तकनीकी पेशेवर उनके विचारों से प्रेरित होकर उनके प्रवचनों में हिस्सा ले रहे हैं। बाबा की कहानी ने यह साबित कर दिया है कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती और यह हर क्षेत्र में समान रूप से लागू होता है।
श्रद्धालुओं का उत्साह
महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं का कहना है कि ‘आईआईटियन बाबा’ के प्रवचनों ने उनके सोचने के तरीके को बदल दिया है। एक श्रद्धालु ने कहा, “बाबा की बातों में वैज्ञानिकता और तर्क है, जिससे हमारी आध्यात्मिक यात्रा में भी एक नई दिशा मिली है।”
प्रशासन की सराहना
महाकुंभ के आयोजकों ने भी बाबा की पहल की सराहना की है। उनका कहना है कि ऐसे व्यक्तित्व महाकुंभ की वैश्विक छवि को और मजबूत बनाते हैं। इससे न केवल भारतीय संस्कृति की विविधता का प्रचार होता है बल्कि आधुनिकता और आध्यात्मिकता के बीच की खाई भी पाटी जाती है।
महाकुंभ 2025 में ‘आईआईटियन बाबा’ का यह अनोखा समर्पण धर्म और विज्ञान के बीच की कड़ी को दर्शाता है। उनके प्रवचन न केवल आध्यात्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बेहद प्रेरणादायक हैं। बाबा का संदेश स्पष्ट है – चाहे आप किसी भी क्षेत्र में हों, ज्ञान की खोज और आत्मा की शांति का रास्ता एक ही है।
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