Health News :- फ्रेंच फ्राइज़ बच्चों और युवाओं का पसंदीदा स्नैक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह चटपटा और स्वादिष्ट स्नैक आपके बच्चों के लिए धीमे ज़हर के समान है? न्यूट्रिशनिस्ट, डायटीशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक डॉक्टर अर्चिता महाजन के अनुसार, फ्रेंच फ्राइज़ और तले हुए खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
डॉ. अर्चिता ने चेतावनी दी है कि फ्रेंच फ्राइज़ जैसे डीप-फ्राइड फूड्स के सेवन से मोटापा, हृदय रोग, और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। आइए जानते हैं उनके विचार और सुझाव।

फ्रेंच फ्राइज़ कैसे बनता है धीमा ज़हर?
डॉ. अर्चिता महाजन बताती हैं कि फ्रेंच फ्राइज़ तैयार करने में जिस प्रक्रिया का इस्तेमाल होता है, वह इसे खतरनाक बनाती है। इसे तैयार करने में निम्नलिखित बातें स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं:
1. तेल का बार-बार गर्म होना
रेस्तरां और फास्ट-फूड चेन में तेल को बार-बार गर्म किया जाता है, जिससे उसमें पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAHs), अल्डिहाइड, और अन्य हानिकारक रसायन बनते हैं। ये रसायन कैंसर, हृदय रोग, और मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
2. अक्रिलामाइड का उत्पादन
फ्रेंच फ्राइज़ को उच्च तापमान पर तलने से अक्रिलामाइड नामक रसायन बनता है। यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और एंग्जाइटी (चिंता) और डिप्रेशन (अवसाद) का खतरा बढ़ाता है।
3. अस्वास्थ्यकर वसा और नमक
फ्रेंच फ्राइज़ में इस्तेमाल होने वाला तेल संतृप्त वसा और ट्रांस फैट से भरपूर होता है। इसके अलावा, ज्यादा मात्रा में नमक के कारण ब्लड प्रेशर, पाचन समस्याएं, और दिल के रोग हो सकते हैं।

बच्चों पर फ्रेंच फ्राइज़ का प्रभाव
डॉ. महाजन के अनुसार, बच्चों के लिए फ्रेंच फ्राइज़ विशेष रूप से हानिकारक हैं क्योंकि:
- यह उनके मस्तिष्क और शरीर के विकास को प्रभावित करता है।
- बच्चों में मोटापा, जो आगे चलकर डायबिटीज और हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है।
- यह प्लेटलेट्स को चिपचिपा बनाता है, जो धमनियों में थक्के पैदा कर सकता है।
डॉ. अर्चिता महाजन यह भी कहती हैं कि फ्रेंच फ्राइज़ का नियमित सेवन बच्चों को लाइफस्टाइल डिजीज के प्रति संवेदनशील बना सकता है।

डॉ. अर्चिता महाजन की सलाह: फ्रेंच फ्राइज़ का सेहतमंद विकल्प
1. बेक्ड फ्रेंच फ्राइज़
फ्रेंच फ्राइज़ को डीप फ्राई करने के बजाय बेक करें। इससे वसा और कैलोरी की मात्रा कम हो जाएगी।
2. घर पर बनाएं फ्रेंच फ्राइज़
घर पर फ्रेंच फ्राइज़ बनाएं और फ्राई करने के लिए ताजा और स्वस्थ तेल का उपयोग करें। नमक और मसाले नियंत्रित मात्रा में डालें।
3. फल और सब्जियों को स्नैक बनाएं
बच्चों को आलू की जगह ताजे फल, रोस्टेड वेजिटेबल्स, या नट्स खाने की आदत डालें।
4. रेस्तरां से बचें
बाहर के खाने से बचें क्योंकि रेस्तरां में तेल को बार-बार गर्म किया जाता है, जिससे हानिकारक रसायन बनते हैं।
फ्रेंच फ्राइज़ और मानसिक स्वास्थ्य का रिश्ता
डॉ. अर्चिता बताती हैं कि फ्रेंच फ्राइज़ और अन्य तले हुए खाद्य पदार्थ मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालते हैं।
- यह ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है, जिससे हार्मोन असंतुलन हो सकता है।
- मूड स्विंग्स, चिंता, और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा
फ्रेंच फ्राइज़ का सेवन सिर्फ मोटापे और हृदय रोग ही नहीं, बल्कि लंबे समय तक गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों में दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

डॉ. अर्चिता महाजन का संदेश
“फ्रेंच फ्राइज़ का सेवन कभी-कभार तक सीमित रखें। इसे आदत न बनने दें। बच्चों के विकास के लिए संतुलित आहार जरूरी है। सेहतमंद विकल्प अपनाकर आप अपने बच्चों को बीमारियों से बचा सकते हैं।”
फ्रेंच फ्राइज़ स्वादिष्ट जरूर हैं, लेकिन लंबे समय तक इनके सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। डॉ. अर्चिता महाजन की सलाह मानते हुए हमें अपने बच्चों के खानपान में बदलाव करना चाहिए और सेहतमंद आदतों को बढ़ावा देना चाहिए।
क्या आप अपने बच्चों को इस धीमे ज़हर से बचाने के लिए तैयार हैं? आज ही स्वस्थ विकल्प चुनें और दूसरों को भी जागरूक करें।