छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में ठंड ने अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। नवंबर के महीने में ही तापमान सामान्य से काफी नीचे पहुंच चुका है। मैनपाट, जिसे “छत्तीसगढ़ का शिमला” कहा जाता है, का न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। कड़ाके की इस ठंड ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया है बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं में भी बढ़ोतरी की है।
मौसम का हाल: ठंड ने दिखाए तीखे तेवर
उत्तरी छत्तीसगढ़ में लगातार गिरते तापमान ने ठंड का प्रकोप और बढ़ा दिया है। अम्बिकापुर में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि मैनपाट में पारा 5 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया है। सुबह और शाम की ठिठुरन ने लोगों को अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेने पर मजबूर कर दिया है।
मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी में हवाओं के कम दबाव के कारण अगले एक-दो दिनों में तापमान में मामूली बढ़ोतरी की संभावना है।
स्वास्थ्य पर ठंड का असर
तेज ठंड का असर लोगों के स्वास्थ्य पर साफ दिखाई दे रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
डॉक्टरों ने हृदय रोग, रक्तचाप और शुगर के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है। ठंड के कारण बच्चों और बुजुर्गों को विशेष देखभाल की आवश्यकता है।
डॉक्टरों की सलाह:
- गर्म कपड़ों का उपयोग करें।
- ठंडे और खुले स्थानों से बचें।
- गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें।
- नियमित रूप से हाइड्रेटेड रहें।
मैनपाट: ठंड में पर्यटन का आनंद
मैनपाट, जो छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल है, ठंड के मौसम में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। यहां की हरी-भरी वादियां और ठंडा मौसम सैलानियों को खूब लुभा रहा है।
इस समय पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जो स्थानीय व्यवसायों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है।
ठंड से बचाव के उपाय:
ठंड से बचने और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- दिन और रात के समय गर्म कपड़े पहनें।
- सुबह और शाम अलाव के पास बैठें।
- पौष्टिक आहार और गर्म पेय जैसे अदरक की चाय या सूप का सेवन करें।
- विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाने के लिए घर के अंदर रखें।
- ठंड में व्यायाम करते समय सावधानी बरतें।
ठंड और जनजीवन
कड़ाके की ठंड ने स्कूली बच्चों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सुबह जल्दी स्कूल जाने में बच्चे ठंड से कांपते नजर आते हैं। वहीं, दिनभर ठंड के चलते कई लोग जरूरी कामों को टाल रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं, जबकि शहरी इलाकों में गर्म कपड़े और हीटर का उपयोग बढ़ गया है।