अंबिकापुर: एक समय स्वच्छता का पर्याय बन चुका यह शहर अब अपनी ही छवि को धूमिल करता जा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण में लगातार खिसकते क्रम ने शहरवासियों के साथ-साथ प्रशासन को भी चिंतित कर दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों एक समय का स्वच्छ शहर अब इस स्थिति में पहुंच गया है और इस समस्या का समाधान कैसे निकाला जा सकता है।
अंबिकापुर की स्वच्छता में गिरावट के प्रमुख कारण
- सड़कों की बदहाल स्थिति: गड्ढों से भरी सड़कें न केवल यातायात को बाधित करती हैं बल्कि धूल उड़ने से पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ाती हैं।
- कचरा प्रबंधन में कमियां: कचरे का उचित निस्तारण न होने से शहर के विभिन्न हिस्सों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं।
- जागरूकता का अभाव: लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता की कमी है। कई लोग अभी भी सड़कों पर कचरा फेंकने से नहीं चूकते।
- ढांचागत समस्याएं: शहर में सीवरेज सिस्टम, जल निकासी जैसी बुनियादी सुविधाओं में कई कमियां हैं।
- जनसंख्या वृद्धि: बढ़ती जनसंख्या के साथ कचरे की मात्रा में भी वृद्धि हुई है, जिसके लिए मौजूदा व्यवस्था अपर्याप्त साबित हो रही है।
समाधान के लिए संभावित उपाय
- सड़कों का मरम्मत कार्य: सड़कों को दुरुस्त करने के लिए एक व्यापक योजना बनाई जानी चाहिए।
- जागरूकता अभियान: लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाए जाने चाहिए।
- ढांचागत सुधार: सीवरेज सिस्टम, जल निकासी आदि में सुधार किया जाना चाहिए।
- नगर निगम की भूमिका: नगर निगम को स्वच्छता अभियान को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सक्रिय होना चाहिए।
- नागरिकों की भागीदारी: नागरिकों को स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
- जुर्माना: स्वच्छता नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन के लिए सुझाव
- पूर्व नियोजन: स्वच्छ सर्वेक्षण से पहले ही तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
- लक्ष्य निर्धारण: स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किए जाने चाहिए।
- नवाचार: स्वच्छता के क्षेत्र में नवाचारों को अपनाया जाना चाहिए।
- सहयोग: विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए।
- नागरिकों का सहयोग: नागरिकों को स्वच्छता अभियान में शामिल किया जाना चाहिए।
समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता
अंबिकापुर को फिर से स्वच्छ शहर बनाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। नगर निगम, स्थानीय निकाय और नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। यह एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन निश्चित रूप से संभव है।
अतिरिक्त सुझाव:
- स्वच्छता समितियां: मोहल्ला स्तर पर स्वच्छता समितियां बनाना।
- स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम: बच्चों को स्वच्छता के महत्व के बारे में सिखाना।
- ग्रीन इनिशिएटिव: शहर में अधिक पौधे लगाना और हरियाली बढ़ाना।
- स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन: अगले स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन के लिए लक्ष्य निर्धारित करना।
डीएन कश्यप,आयुक्त,नगर निगम :- इस संबंध में नगर निगम के नव पदस्थ आयुक्त डीएन कश्यप नें बताया कि नगर निगम में ख्याति के अनुरूप स्वच्छता के परिपेक्ष्य में विशेष प्रबंधन और लोगों को बिजली पानी सडक की उपलब्धता देना मूल उदेश्य है उन्होनेे कहा कि सडक पर कचरा फेकने वालों के खिलाफ कडी कार्यवाही की जायेगी और स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी के लिये शीघ्र योजनाबद्व तरीके से अभियान शुरू किया जायेगा।
यह लेख अंबिकापुर की स्वच्छता की स्थिति पर एक गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है। यह आशा है कि यह लेख शहर के विकास में योगदान देगा।