अंबिकापुर:- अंबिकापुर की सड़कों की दुर्दशा अब कोई नई बात नहीं है। गड्ढों से भरी सड़कें, उड़ती धूल और यातायात में असुविधा यहां के लोगों के लिए रोजमर्रा की परेशानी बन गई है। क्षेत्रवासी अपनी शिकायतें कई बार अधिकारियों और नेताओं तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं।
सड़कों की समस्या: गंभीर और पुरानी
अंबिकापुर की सड़कों की हालत लंबे समय से खराब है। यहां आवागमन में न केवल समय बर्बाद होता है, बल्कि उड़ती हुई धूल लोगों की सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
- गड्ढों और उबड़-खाबड़ सड़कों की वजह से वाहन चालकों को हर दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- धूल-मिट्टी से सांस संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं।
- सड़कों की यह स्थिति व्यापार और स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित कर रही है।
स्थानीय प्रशासन और नेताओं का रवैया
पिछले कुछ वर्षों में सड़कों की मरम्मत को लेकर कई बार अधिकारियों और नेताओं ने दौरा किया है। हर बार केवल आश्वासन दिए गए हैं कि जल्द ही सड़कों का निर्माण या मरम्मत होगी। लेकिन हकीकत में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
- नेताओं के वादे: चुनावी मौसम में सड़कों को प्राथमिकता देने की बात कही जाती है।
- अधिकारियों की निष्क्रियता: तकनीकी और बजटीय कारणों का हवाला देकर सड़कों की मरम्मत को टाला जा रहा है।
- जनता की शिकायतें: लोग बार-बार शिकायत दर्ज करवा चुके हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही।

धूल और खराब सड़कों से स्वास्थ्य पर असर
धूल के कारण लोग कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
- सांस की बीमारियां: उड़ती धूल से अस्थमा और एलर्जी के मामले बढ़ रहे हैं।
- मानसिक तनाव: आवागमन में देरी और खराब सड़कों के कारण वाहन चालकों और यात्रियों में मानसिक तनाव बढ़ रहा है।
- बच्चों और बुजुर्गों पर असर: कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग इन परिस्थितियों से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
जनता की मांग: जल्द कार्रवाई हो
अंबिकापुर की जनता अब जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की मांग कर रही है।
- सड़कों की मरम्मत: गड्ढों को भरने और सड़कों को चिकना बनाने का काम प्राथमिकता से होना चाहिए।
- धूल नियंत्रण: सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव किया जाए।
- स्थायी समाधान: सड़क निर्माण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया जाए।
समाधान के लिए विशेषज्ञों की राय
सड़क विशेषज्ञ और शहरी योजनाकार मानते हैं कि सड़कों की मरम्मत के लिए बजट और समय का सही इस्तेमाल किया जाए तो यह समस्या हल हो सकती है।
- नियोजित कार्य: मरम्मत और निर्माण कार्य को चरणबद्ध तरीके से किया जाए।
- स्थानीय निगरानी: काम की गुणवत्ता की निगरानी के लिए स्थानीय नागरिकों और संगठनों को शामिल किया जाए।
- दीर्घकालिक योजना: सड़कों के रखरखाव के लिए नियमित रूप से बजट आवंटन सुनिश्चित किया जाए।
अंबिकापुर की सड़कों की हालत सुधारने के लिए प्रशासन को तत्काल और प्रभावी कदम उठाने होंगे। जनता अब और इंतजार नहीं कर सकती। सड़कों की मरम्मत न केवल शहर की सुंदरता बढ़ाएगी, बल्कि आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को भी कम करेगी।