सूरजपुर – छत्तीसगढ़ के जुर गांव में भूमि अतिक्रमण का विवाद एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है। कुछ दिन पहले इस गांव में अतिक्रमणकारियों और ग्रामीणों के बीच भारी विवाद हुआ था, जिसके दौरान राजस्व विभाग के कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटनाएँ भी हुईं। स्थिति बिगड़ने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर विवादित भूमि पर लगी धान की फसल की कटाई करवाई और शांति बनाए रखने के लिए गांव में डेरा डाला। इस दौरान कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया, जिनमें से कुछ को जेल भेजा गया।
कलेक्ट्रेट में भूमि मुक्त कराने की मांग
लेकिन अब, मामला फिर से गर्मा गया है। ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में आवेदन देकर कब्जाधारी भूमि को मुक्त कराने की मांग की है। उनका आरोप है कि खसरा क्रमांक 1683 और 1874 पर कुछ लोग अवैध रूप से कब्जा किए हुए हैं, जिसे राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से अभिलेखों में दर्ज किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि 2003 में तत्कालीन विधायक के सामने हुए पंचनामे के बावजूद इन भूमि पर कब्जा बनाए रखा गया है।
नवपदस्थ कलेक्टर की पहल
इस मामले को लेकर अब नवपदस्थ कलेक्टर ने सात दिन में समाधान का निर्देश दिया है। कलेक्टर ने इस विवाद का समाधान करने के लिए एक समिति गठित की है, जो इस मामले की जांच करेगी और उचित कार्रवाई करेगी। कलेक्टर ने उम्मीद जताई है कि जल्दी ही इस विवाद का समाधान होगा, जिससे ग्रामीणों को उनका हक मिल सके।
क्या मिलेगा ग्रामीणों को उनका हक?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का समाधान कब तक निकलता है और क्या कब्जाधारी भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इस कदम से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि कलेक्टर इस मामले को गंभीरता से लेकर जल्द समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं।