छत्तीसगढः- पुलिस ने जब घर का दरवाजा खुलवाया, तो अंदर का दृश्य बेहद भयानक था। दो युवक जमीन पर बेहोश पड़े थे, जबकि अन्य सदस्य एक तस्वीर के सामने मंत्र का जाप कर रहे थे। ये सभी घटनाएं तंत्र साधना के संदर्भ में हो रही थीं, जो इस मामले को और भी रहस्यमय बना देती हैं।

सक्ति:- तांडुलडीह गांव में हुई यह घटना वाकई चौंकाने वाली और चिंताजनक है। बारद्वार थाना क्षेत्र में एक परिवार ने तंत्र साधना करने के लिए खुद को बंद कर लिया था, जिसके कारण दो युवकों की संदिग्ध मौत और अन्य सदस्यों की मानसिक स्थिति बिगड़ गई। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को हिला दिया है, बल्कि यह सवाल भी खड़े कर रहा है कि इस प्रकार की साधनाएं कितनी सुरक्षित होती हैं।
गांव के लोगों ने बताया कि परिवार के सदस्य कुछ दिनों से घर से बाहर नहीं निकल रहे थे और अजीब आवाजें आ रही थीं। जब इस पर संदेह हुआ, तो स्थानीय सरपंच और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने जब घर का दरवाजा खुलवाया, तो अंदर का दृश्य बेहद भयानक था। दो युवक जमीन पर बेहोश पड़े थे, जबकि अन्य सदस्य एक तस्वीर के सामने मंत्र का जाप कर रहे थे। ये सभी घटनाएं तंत्र साधना के संदर्भ में हो रही थीं, जो इस मामले को और भी रहस्यमय बना देती हैं।
क्या ये साधना वास्तव में खतरनाक थी?
बंद कमरे में युवकों की स्थिति और अन्य सदस्यों की मानसिक स्थिति का बिगड़ना कई सवाल खड़े करता है। क्या ये साधना वास्तव में खतरनाक थी? क्या उन्होंने किसी जहरीली चीज का सेवन किया था? ये ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मिल सकेगा। पुलिस और फॉरेंसिक टीम इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर इस परिवार के सदस्यों के साथ क्या हुआ।
ये घटना को और भी संदिग्ध बनाती हैं
सरपंच गणेश लहरे ने बताया कि परिवार के लोग ष्जय गुरुदेवष् का जाप कर रहे थे, और सेमरिया से एक जोड़ा भी आया था, जो बाद में चला गया। ये सब बातें इस घटना को और भी संदिग्ध बनाती हैं। ऐसे मामलों में अक्सर लोगों की मानसिक स्थिति और सामाजिक दबाव भी एक भूमिका निभाते हैं।
इस घटना ने ग्रामीणों को सतर्क कर दिया है। लोग अब तंत्र साधना और ऐसे अनुष्ठानों के प्रति सतर्क रहने लगे हैं। समुदाय में इस तरह की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत परिवारों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय बन जाती हैं। यह आवश्यक है कि इस प्रकार की साधनाओं के प्रभावों पर चर्चा की जाए और लोगों को जागरूक किया जाए।
आशा है कि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की जांच जल्द ही इस मामले की गुत्थी को सुलझाने में सफल होगी। इस घटना से हम सभी को यह सीखने की जरूरत है कि मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षित प्रथाओं का पालन कितना महत्वपूर्ण है। ऐसे मामलों में समाज का सहयोग और समझदारी आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
एसडीओपी ने इस संबंध मे ये कहा
पूजा पाठ की सूचना मिलने पर बारद्वार पुलिस परिवार के घर पहुंची थी.जहां दो लोग बेहोशी की हालत में मिले.जिन्हें अस्पताल ले जाने पर मृत घोषित किया गया.अब इस बात की पतासाजी की जा रही है कि वो लोग इस अवस्था तक कैसे पहुंचे.क्या किसी जहरीली चीज का सेवन किया है या कोई और मामला है.पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा. मनीष कुंवर, एसडीओपी सक्ती