AMBIKAPUR:छत्तीसगढ के अम्बिकापुर के ग्राम रनपुर कला में एक दुखद घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया, जब डेढ़ वर्ष पूर्व 5 वर्षीय अर्णव राजवाड़े की मौत क्रेडा विभाग द्वारा खोदे गए गड्ढे में गिरने से हो गई। यह घटना उस समय हुई जब अर्णव खेलते-खेलते गड्ढे में गिर गया और डूबने से उसकी जान चली गई। इसके बाद मृतक के परिजनों को मुआवजे और एक सदस्य को नौकरी का आश्वासन दिया गया, लेकिन अब तक न तो मुआवजा मिला है और न ही नौकरी।
अर्णव की मां ने अपनी पीडा को बताया
हीरामनी राजवाड़े, अर्णव की मां, ने अपनी पीड़ा को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने न्याय पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते थक गई हैं। पिछले डेढ़ वर्ष में उन्होंने कई बार विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन किसी ने भी उनकी समस्या का समाधान नहीं किया। उन्हें यह आश्वासन दिया गया था कि उन्हें जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ।
हीरामनी ने कलेक्टर जनदर्शन में की शिकायत
इस बीच, मामला तब और गंभीर हो गया जब हीरामनी ने कलेक्टर जनदर्शन में भी शिकायत की। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि उन्हें न्याय और मुआवजा दिया जाए, लेकिन उनके प्रयास भी बेकार गए। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए बेहद कठिन है, क्योंकि वह अपने छोटे बेटे की मौत के बाद मानसिक और आर्थिक दोनों ही दृष्टि से संघर्ष कर रही हैं।
अधिकारियों से कार्रवाई की हो रही मांग
इस घटना ने स्थानीय लोगों का ध्यान भी खींचा है। कई नागरिकों ने इस मामले में नाराजगी व्यक्त की है और अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि मृतक के परिजनों को न्याय पाने के लिए इतनी लंबी लड़ाई लड़नी पड़े।
अपर कलेक्टर सुनील नायक ने अब लिया संज्ञान
इस मामले में अपर कलेक्टर सुनील नायक ने अब संज्ञान लिया है। उन्होंने हीरामनी से मुलाकात की और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, ष्यह मामला कल ही हमारे संज्ञान में आया है। हम संबंधित विभाग और ठेकेदार को बुलाएंगे और जो भी वस्तु स्थिति होगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। पीड़िता को मुआवजा दिलवाने का प्रयास किया जाएगा।
समाज के लिए महत्वपूर्ण सबक
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण सबक है। सरकारी विभागों को अपने वादों को पूरा करने और पीड़ित परिवारों की मदद करने की आवश्यकता है। ऐसे मामलों में तत्परता दिखाना और जवाबदेही सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है।