सर्दियों का मौसम तिल, गजक और चिक्की जैसे पारंपरिक खाद्य पदार्थों का आनंद लेने का सही समय है। ये न केवल खाने में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि ठंड के मौसम में ऊर्जा और पोषण का बेहतर स्रोत भी हैं। डॉ. अमरीन फ़िरदौसी के अनुसार, इनका नियमित और संतुलित सेवन शरीर को ठंड से बचाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
तिल, गजक और चिक्की के फायदे
- ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत:
सर्दियों में तिल और गुड़ का सेवन शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है और ठंड से बचाने में मदद करता है। - मजबूत हड्डियां:
डॉ. फ़िरदौसी बताती हैं कि तिल में मौजूद कैल्शियम और जिंक हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और बढ़ती उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करते हैं। - पाचन सुधार:
गुड़ पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। यह डिटॉक्स में मदद करता है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है। - इम्यूनिटी बूस्टर:
तिल, मूंगफली और गुड़ का मिश्रण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और सर्दी-खांसी से बचाने में सहायक होता है। - त्वचा और बालों के लिए लाभदायक:
डॉ. फ़िरदौसी कहती हैं कि सर्दियों में तिल का सेवन त्वचा को नमी प्रदान करता है और बालों को मजबूत और चमकदार बनाता है।
संभलकर करें सेवन
- अत्यधिक मात्रा से बचें:
तिल और गजक का अत्यधिक सेवन शरीर में अधिक गर्मी पैदा कर सकता है। - डायबिटीज के मरीज ध्यान दें:
मधुमेह रोगियों को गुड़ और चीनी से बनी चिक्की सीमित मात्रा में ही खानी चाहिए। - एलर्जी की संभावना:
कुछ लोगों को तिल या मूंगफली से एलर्जी हो सकती है। ऐसे में इसे खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
सर्दियों में संतुलित सेवन के सुझाव
- दिन में 1-2 बार गजक या चिक्की का सेवन करें।
- इसे गुनगुने पानी या दूध के साथ खाएं।
- अपने आहार में मौसमी सब्जियां और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ भी शामिल करें।
डॉ. अमरीन फ़िरदौसी का सुझाव
डॉ. फ़िरदौसी कहती हैं, “सर्दियों में तिल, गजक और चिक्की का संतुलित सेवन न केवल शरीर को गर्मी प्रदान करता है, बल्कि यह रोगों से लड़ने में भी मदद करता है। इसे नियमित डाइट का हिस्सा बनाएं, लेकिन मात्रा का ध्यान रखें।”